लखन चौधरी/धनगढी
पौने तीन महिनासे जारी थरुहट/थारुवान आन्दोलन दशैंपाछे एकदमे सुस्त गतिमे निरन्तरता पैले बा। कैलाली–कञ्चनपुरसहितके तराई भूगोलहे थरुहट प्रदेश बनाइक पर्ना प्रमुख मागसहित सुरुवात हुइल उ आन्दोलन दशैंपाछे भर एकाएक मथ्थर हुइटी रहल देखगिल हो। जौनकारण थरुहट आन्दोलन विसर्जनके संघारमे ते नाई जाईठो? कना प्रश्न चिन्ह फेन उठल बा।
खास कैके आन्दोलनकारी मोर्चा भित्तरके कुछ थारु नेताहुक्रे सरकारमे गैल ओ अन्य थारू सांसद तथा थारू कल्याणकारिणी सभाके पदाधिकारीहुकनके आ–अप्ने अडानके कारण थरुहट आन्दोलन दशैंपाछे उठे नैसेकल प्रति थरुहट/थारुवान संयुक्त संघर्ष समिति भित्तरे टिकाटिप्पणी फेन सुरु हुइल बा। नेकपा एमाले अध्यक्ष केपी शर्मा ओलीके नेतृत्वमे लौव सरकार गठन हुइलपाछे संघर्ष समिति भित्तर चिरा परल स्वीकार कर्ठै संघर्ष समिति कैलाली प्रवक्ता माधव चौधरी। मने आन्दोलन जारी रहल ओ नयाँ शिरासे निर्णायक आन्दोलन उठ्ना पक्का रहल उहाँके कहाई बा।
हाले नवलपरासीके डण्डामे थरुहट आन्दोलनकारीहुकनके राष्ट्रिय भेला सम्पन्न हुइल बा। जौन भेलामे नेतृत्व पंक्तिके तिब्र आलोचना हुइना संगे सरकारमे गैल थारू सांसदहुकनके विरोध फेन हुइल रहे। अत्रही केल नाई थारू सांसद ओ सरकारबीच हुइना वार्ता थारू कल्याणकारिणी सभासे नैमन्ना फेन जनैले बा। जेहीसे फेन पुष्टी हुइठ कि, थरुहट आन्दोलनके भावी डगर चुनौतीपूर्ण अवस्थामे बा।
सम्पन्न राष्ट्रिय भेलाके एक सहभागी समेत रहल थरुहट तराई पार्टी नेपालके अध्यक्ष भानुराम थारू कहलै–‘आन्दोलन नैचाहना ओ राजधानीमे बैठकके किल राजनीति करुइयाहुक्रे अब्बा भ्रमके खेती करटी बाटै।’ विजय गच्छदार नेतृत्वके फोरम लोकतान्त्रिक, एमाले तथा एमाओवादी समर्थित थारू नेताहुकन लक्षित करटी उहाँ थरुहट आन्दोलन चाहना शक्तिहे जन्ताहुक्रे पहिचान करसेकल ओ फिल्डमे नैउत्रलहुकन फेन पहिचान करसेकल चेतावनी देलै। ‘करिब तीन महिनासम आन्दोलन चल्लेसे फेन अभिन फेन फोरमलगायतके नेताहुक्रे जिल्लामे नैआइल हुइटै’ उहाँ आघे कहलै।
अध्यक्ष थारू आन्दोलनके क्रममे अप्नेहुक्रे हाल जनजागरण अभियान संगे आन्तरिक सुढृढीकरणमे लागल बटैलै। डेवारीसम अप्नेहुकनके मागके सुनुवाई नैहुइलेसे एकदमे सशक्त आन्दोलन कर्ना फेन उहाँके चेतावनी बा।
ओस्तके थरुहट आन्दोलनके क्रममे आम जनता ओ नेताहुकनके क्रियाशिलता ठिक उल्टा हुइल बटैठै पूर्व सभासद कृष्ण कुमार चौधरी ‘कुन्दन’। उहाँ आघे कहलै–‘पहिले जन्ताहुक्रे नैउठ्लै कहिके टिप्पणी करजाए, मने हाल जन्ता जागगिल बाटै, मने नेताहुक्रे सत्ता ओ कुर्सीके चालचमे लागके नेतृत्व करे नैसकठुइट।’ आन्दोलन नैचाहुइया नेताहुक्रे सुत्लेसे फेन आब आम जनता माझसे नयाँ शक्तिके उदय हुइना निश्चित रहल फेन उहाँके कहाई बा।
आन्दोलन सुस्त हुइलपाछे मुख्य दोष सरकारमे गैल थारू नेताहुकन लगैलेसे फेन सरकारमे गैल हुक्रे मन्ना तयार भर नैहुइटै। अप्नेहुक्रे सडक ओ सदन मार्फत निर्णायक भूमिका नैभैटी रहल बटैटी माग पुरा नैहुइटसम लग्ना ठोकुवा कर्ले बाटै।
सरकारके विना विभागीय मन्त्री समेत रहल मधेसी जनाधिकार फोरम (लोकतान्त्रिक) के महासचिव रामजनम चौधरी अप्ने थरुहट आन्दोलनके माग पुरा करैनामे कौनो कसर बाँकी नैराखके काम करटी रहल दाबी कर्लै। ‘थरुहट आन्दोलन एक इन्च फेन पाछे नैपरल हो, झन सार्थकता ओहोर केन्द्रित बा’, उहाँ आघे कहलै–‘औरे साँघरियनमे फोरम लोकतान्त्रिक यी करल, उ करल कहिके धिउर टिकाटिप्पणी कर्ना प्रबृति हाबी बा।’
ओस्तके उहाँ थरुहट आन्दोलनके माग पुरा नैहुइटसम आपन कैलाली जैना कौनो आधार नैरहल बटैलै। उहाँ कहलै–‘माग पुरा हुइले नैहो, मै कैलाली कसिक जाउँ?, मै आपन कर्ना काम यहाँ बैठके करटी बाटु, माग पुरा हुइलेसे पो कैलाली जैना आधार बनी।’
सावन २२ गतेसे सुरु हुइल थरुहट आन्दोलनबारे अभिनसम राज्य पक्षसे सम्बोधन हुई नैसेकल हो। निवर्तमान प्रधानमन्त्री सुशिल कोइरालाके कार्यकालमे ७ प्रदेशके खाका नानलपाछे झन थरुहट आन्दोलनमे उत्कर्षमे पुगल रहे।
मने कैलाली–कञ्चनपुर जिल्लामे थरुहट आन्दोलन संगे अखण्ड सुदूर पश्चिम आन्दोलन फेन उठल रहे। जौन आन्दोलन ७ प्रदेशके सिमांकन करलपाछे स्थगित हुइल बा। यी दुनु आन्दोलन परस्पर विरोधी आन्दोलन हो। राजनीतिक दलहुक्रे विवेक पुगाके सक्कु पक्षके जीत हुइना राज्य पुनःसंरचना कर्ना जरुरी बा।