खर्च बहुटउप्लब्धी डान्चे (थारु भाषा)

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सन्तोष दहित, दाङ- सरकारसे सामुदायि विद्यालयके शैक्षिक सुधारक लाग बहुट रुप्या खर्चकर्टि आइल बा। खर्च अनुसारके उपलब्धी देख निपर्ल हो। सामुदायिक विद्यालयम घट्टी गइलक विद्यार्थी भर्ना दर, सिकाई उपलब्धी, विद्यार्थीके अभावम विद्यालय विद्यालय मिलाई पर्ना याकर उदाहरण हो। सरकारसेसामुदायिक विद्यालयम शिक्षक संख्या ओ विद्यालय संख्या बह्रैइटी बा, उह अनुरुप खर्च फे बहर्टी बा, तर विद्यार्थी बह्र निसेक्ल हो। आर्थिक बर्ष ०६९/७० के जिल्लाके बजेटके आकलन कर्ना हो कलसे १ लाख ३१ हजार ४६ विद्यार्थीके लाग ८५ करोड २४ लाख ७८ हजार २ सय ३६ खर्च कै स्याकल बा। जुन रकम प्रतिविद्यार्थी ६ हजार ५ सय ५ रुपैया ह्वाए अइथा। यीहमसे फे सरकारसे सामुदायिक विद्यालयम बहुट रुप्या खर्च कर्टी आइल बा कना प्रष्ट हुइथा। सक्कु जहन सारक्षरता बनइना नीति अनुरुप औपचारिकओ आनौपचारिक रुपम विद्यालय ख्वालल बा कलसे खुला विद्ययालय फे सञ्चालनम बा। जहाँ राज्यसे बहुट रकम लगानी कैगिल बा।सामुदायिक विद्यालयम बह्रयाकै बह्रल बा तर उपलब्धी  कलक वाकर आधा फे हुइनिसेक्ल हो।आम्हिनसम सिकाई उपलब्धीह तथ्याङ्गत रुपम ह्यारबेरजिल्लाके समग्र सिकाई उपलब्धी ४२ दशमलब १० प्रतिशत रहल बा।

यी सिकाइ उपलब्धीके मापन जिल्ला शिक्षा कार्यालयलेके तथ्याङकम प्रष्ट उल्लेख बा। जिहिहर्  तहगत रुपम विशलेषण करबेर प्रावि तहके ४४ दशमलव ६० प्रतिशत, निमावि तहके ४० दशमलव ५०प्रतिशत मावि तहके औषत सिकाइ उपलब्धी ३९ दशमलव १४प्रतिशतरहल बा।काजे सुध्र निस्याक्थो सामुदायिक विद्यालयके शैक्षिक अवस्था?आब सक्कुजहनके चासोके विषय बनलबा, अवस्था दिनप्रतिदिन खस्कटी जाइबेर सामुदायकि विद्यालयम अभिभावकके विश्वासफे घट्टी गैइलक सरोकारवालाहुक्र बटोइथ।

प्रअ, शिक्षक, अभिभावक, कर्मचारी, राजनीतिक दल सक्कुजहनके लापारबाहीके कारण सामुदायकि विद्यालयम सिकाई उपलब्धी बह्र निसेक्लक  शिक्षा अधिकारी जितबहादुर शाह बटोइथ। ‘विद्यार्थीहुक्र आपन बारेम आपन्हेब्वाल निसेक्ट, जिम्मेवार व्यक्ति वाकर जवाफ दिह निहुइट।’
सामुदायि विद्यालयके अवस्थाह बुझबेर ‘प्रअहुक्र शिक्षकहुकन दोष लगइना, शिक्षकहुक्र अभिभावहुकन ओ अभिभावकहुक्र विद्यालयह दोष लगाउने लगायत एकसे औरजहन दोष केल लगाइना पारिपाटीले फे विद्यालयके अवस्था सुध्र निसेक्लक पाजैठा।’सामुदायिक विद्यालयह आम्हिन फे शिक्षक, अभिभावक एवम सरोकारवाला निकायसे आपन विद्यालयके रुपम लिह निसेक्लक शिक्षा कार्यालयके कहाइ बा।

‘शिक्षाके क्षेत्रम काम कर्ना कर्मचारीहुक्र फे गैर जिम्मेवार बाट,’शिक्षा अधिकारी शाह कल –’अभिभावक आ–आपन बालबच्चा के कसिख पह्रटा कनाम बेखबर बाट।’ यि ओ अस्त अस्त कारणसे सामुदायिक विद्यालयके शैक्षिक स्थिती उप्पर उठ निसेक्लक उहा बटोइथ।पाछक समय विद्यालयम हुइना व्यवस्थापन समितीके चुनावम देखजैना राजनीतिक खिचातानी फे विद्यालय शैक्षिक अवस्था सुधारके और बाधक तत्व हुइसेक्था। विद्यालयम शैक्षिक गतिविधि ओ उ बारेम छलफल, चासो, चिन्ता सेफे राजनितिक गतिविधि बहुट हुइलक पाजैथा।

शिक्षा कार्यालयसे जिल्लाके शैक्षिक उपलब्धी बह्राइकलाग यी आर्थिक वर्षसेविद्यार्थीहुकन आपन योजना आपन्हे बनैना योजना हुइल बा। –’आव हामार योजनाके आधारम नाहि , विद्यार्थीनके योजनाके आधारम सिकाइ क्रियाकलाप आघ बह्राजिने बा।’शिक्षा अधिकारी शाह कल –’हरेक विद्यार्थी कौन विषयम कत्रा अंक लन्ना कना बारेम विद्यार्थीसे पहिला नै  प्राप्ताङ्क योजना बनैने बाट।’ याकर ट्रायलके रुपम माध्यामिक तरके विद्यालयमप्रयोग होसेक्लक उहाँ बटोइल। ‘यी विषयम अत्रा नम्बर लनम कैख, कक्षा क्वाठम अंक टँासही ओ वाकर आधारम पह्राईके तयारी करही।’शिक्षा कार्यालयसे विद्यालय निरिक्षक, स्रोत व्यक्ति, प्रअ ओ विषय शिक्षक मार्फत पह्राइके गुणस्तरियता बह्राई कक्षाका सिकाइ उपलब्धीबह्रैइना योजना आघ सर्ल बा।प्रतिबर्ष प्रत्येक कक्षाके अंकम ५ प्रतिशत ओ प्रवेशिका परिक्षाके नतिजाम १० प्रतिशतले  बह्रैइना योजना आघ सर्लक जनैल बा। सिकाई उपलब्धी बह्रैइना शिक्षकसे विद्यालयके निरक्षकसम सक्कुजहन हुइनेबा।

विद्यालय क्षेत्र सुधारम करिब ३६ करोड  
आर्थिक बर्ष ०७०/७१मजिल्लाक ४ सय २४ सामुदायिक विद्यालयम विद्यालय क्षेत्र सुधार अर्न्तगत ३५ करोड ९१ लाख २२ हजार रकम खर्च हुइना होरहल। यी रकम शिक्षकके तलव भत्ता बाहेकके रकम हो। शिक्षकके तलव भत्तासँग यी रकम जोड्ना हो कलसेयी बर्ष जिल्लाके सामुदायिक विद्यालयम लगानी करिव एक अरवह्वाए अइथा। कर्मचारीके तलब बह्रलसंगसंग शिक्षकके तलब भत्ताम समेत बृद्धि हुइबेर यी वार्षम गतवर्षके तुलनाम सामुदायिक विद्यालयम बहुट रकम खर्च ह्वाए लग्लक हो।
जिल्ला शिक्षा कार्यालय मार्फत सरकारसे जिल्लाके सामुदायिक विद्यालयके भौतिक सुधार,शैक्षिक ओ छात्रबृद्धिके लाग बहुट रकम खर्च हुइटी आइल बा। जहामबालविकास केन्द्र सुधार,पाठ्यपुस्तक खरिद, आधारभुत तह से माध्यामिक तहसम्मम अध्ययनरत दलित, द्धन्द्धपीडित, अपांग, लोपउन्मुख, सिमान्तकृत बालबालिकाहुकन छात्रवृति रकम वितरणको लाग उक्त रकम खर्चहुइनाजिल्ला शिक्षा कार्यालय दाङसे जानकारीहुइल बा। कार्यालयसे दिहल जानकारी अनुसार बालविकास केन्द्र संचालनक ओ व्यवस्थापनक लाग २ करोड, ३९ लाख ६० हजार, विद्यालयको भौतिक सुधार ओ विस्तारम ९ करोड, ९ लाख ५० हजार, पाठ्य पुस्तक खरिदके लागि २ करोड, ४९ लाख, ९६ हजार रकम खर्च कर्ना तयारी हुइटी रलक जिल्ला शिक्षा अधिकारी जितबहादुर शाह जानकारीदेल। उहाँके अनुसार दलित ओ सिमान्तकृतहुकन छात्रबृद्धिम २ करोड, १ लाख ५३ हजार ओमुक्त कम्लहरी, द्धन्द्धपीडित, अपांग, लोपउन्मुख तथा अपांग विद्यार्थीके लागि  १ करोड, ६६ लाख ५७हजार बजेट विनियोजन कैगिल बा।

पत्रकार महासंघसे हितकोषके अभियान चलैइना
नेपाल पत्रकार महासंघ दाङ शाखासे पत्रकार हितकोष निर्माण कर्ना उद्देश्यले विशेष आर्थिक संकलन अभियान सञ्चालन कर्ना होरहल। नेपाल पत्रकार महासंघ दाङ शाखाके सोमारक दिन्वा घोराहीम वैस्लक बैठकमसे  पत्रकार हितकोष ओ सूचना केन्द्र निर्माण एवम कार्यालय व्यवस्थापनके लागि विशेष आर्थिक संकलन अभियान सञ्चालन  कर्ना निर्णय कर्लक हो।
शाखा अध्यक्ष केएल पीडितके अध्यक्षताम सम्पन्न वैठकमसे जिल्लाम क्रियाशिल पत्रकार महिलाहुकने भेला यीह पुस १२ गते कर्ना ओ याकरलाग महिला विभागके प्रमुख बसुन्धरा गौतमह संयोजनके जिम्मेवारी देना, वैठकम निर्णय हुइल बा। वैठकमसे दाङके सक्क सभासदहुकन स्वागत तथा सम्मान कार्यक्रम कर्ना फे निर्णय हुइलबा। ओस्टक वैठकमसे शाखाके २१ औं  स्थापना दिवसह सफल बनाक सहयोग कर्ना सक्कुजहन धन्यवाद देराखल। यीह पुस २० गते भित्तर पत्रकार महासंघके साधारण सदस्यहुकन सदस्यता नविकरण करकेलाग आह्वनफे कर्लक वैठक पाछ शाखाके सचिव सविन प्रियाशन जानकारीदेरख्ल ।

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