दहेज प्रथा हटाउ कहेवाला
थारुमे बहुते बा।
दहेज ना लेबेवाला के
गन्ती बहुते कम बा।।
मिलल जहाँ बोलेके त
नेता जैसन भाषण करेवाला बा।
दहेज देम त बियाह होइ
कहेवाला थारुमे बहुते बा।।
बेटा के बियाह मे
मोटर, साइकल, टिभी आ सोफा चाहिँ।
निमन दुगो कोठा चाहिँ।।
दहेज प्रथा हटाउ कहेबवाला
थारु मे बहुते बा।
दहेज ना लवेवाला के
गन्ती बहुते कम बा।।
बियाह भेला के बादो
इटा और बनिहारियो दिउ।
हम त सुख मेँ रहबे करम
अपने दुःखी हो के जिउ।।
अपना उपर जब पडी
तब दाँत चियार देबा।
घर-दुआर बेँच के
तब पाछे कथी करबा?
दहेज प्रथा हटाउ कहेबाला
थारु मेँ बहुते बा।
दहेज ना लेबेवाला के
गन्ती बहुत कम बा।।
ओमप्रकाश चौधरी
जितपुर, पर्सा