लखन चौधरी/कैलाली
तराई जिल्लाके अनुपातमे पहाडी जिल्लामे राज्यके स्रोत साधन वितरणमे राज्यके विभेद कायमे रहलपाछे बसाई सराई दरमे व्यापकता आइल एक तथ्यांक देखैले बा।
सुदूर पश्चिमाञ्चल विकास क्षेत्रके लाग अइना अधिकांश बरवार–बरवार स्रोत साधन कैलाली–कञ्चनपुर जिल्लामे किल केन्द्रीत हुइना हुइलपाछे सात पहाडी जिल्लासे दुई तराई जिल्लामे वर्षेनी बसाई सराई करुइयनके संख्यामे उल्लेख बृद्धि हुइल देखगिल हो।
जिल्ला विकास समिति कैलालीके तथ्यांक अनुसार सुदूरपश्चिमके पहाडी जिल्ला अछाम, बझाङ, बाजुरा, डोटी, दार्चुला, बैतडी ओ डडेल्धुरासे वर्षेनी बरवार संख्यामे कैलालीमे बसाईसराई हुइटी रहल बा। पहाडी जिल्लामे हालसम सडक, विद्युत, टेलिफोन, ईन्टरनेट लगायत विकासके पूर्वाधार विस्तार हुई नैसेकलपाछे आधारभुत आवश्यकताके खाद्य, स्वास्थ्य तथा शैक्षिकलगायत सामग्रीके सहज आपूर्ति हुई नैसेकल हो। जिल्ला विकास समिति कैलालीके पञ्जिकरण शाखा प्रमुख नित्यानन्द जोशी पहाडी जिल्लाबासीहुकन वर्षेनी पहिरो, चट्याङ लगायत अन्य विपद्के सामना करेक पर्ना बाध्य रहल ओरसे उहाँके मनैहुक्रे बसाईसराई करटी आइल बटैलै। व्यक्तिगत घटना दर्ता विवरण अनुसार कैलालीसे बसाईसराई करके जवइयनके संख्यासे अउइया मनैनके संख्या तीन गुणा धिउर रहल फेन उहाँके कहाई बा।
जिल्ला विकास समितिके व्यक्तिगत घटना दर्ता विवरण अनुसार २०६४ सालमे बसाई सराई घर संख्या ३ हजार ४ सय ३९ रहल बा। जौनमध्ये कैलालीसे गैल व्यक्ति संख्या ४ हजार १० रहल बा कलेसे आइल व्यक्ति संख्या ११ हजार ९ सय ४७ रहल बा।
२०६५ मे ४ हजार १ सय ६३ घर संख्या रहल बा। जौनमध्ये ५ हजार ७ सय ३३ जाने कैलालीसे बसाईसराई करके गैल बाटै कलेसे १४ हजार ५३ जाने आइल रहिट। ओस्तके, २०६६ मे बसाई सराई हुइल घर संख्या ४ हजार ६ सय ३७ रहल बा। जौन मध्ये गैल व्यक्ति संख्या ७ हजार ४ सय ३८ रहल बा, कलेसे आइल व्यक्ति संख्या १४ हजार ६ सय २८ रहल उ तथ्यांकमे उल्लेख बा। २०६७ मे ५ हजार १ सय ४५ बसाई सराई हुइल घर संख्या रहल बा। ७ हजार ४ सय ६१ जाने वाहेर गैल बाटै कलेसे १५ हजार ८ सय २९ जाने आइल बाटै।
२०६८ मे ९ हजार १ सय ५७ घर संख्यामे गैल व्यक्ति संख्या ११ हजार ७ सय २९ जाने रहल बाटै कलेसे आइल व्यक्ति संख्या व्यक्ति संख्या २३ हजार ९ सय ३० रहल बा। २०६९ सालमे ४ हजार ६ सय ३७ घरधुरी बसाई सराई रहलमे ६ हजार १ सय ७० जाने कैलालीसे अन्य जिल्लामे गैल बाटै कलेसे १४ हजार ४ सय ७९ जाने कैलालीमे आइल रहिट।
२०७० मे ५ हजार १ सय ५ बसाई सराई हुइल घर संख्या तथ्यांकमे उल्लेख बा। जौनमध्ये ६ हजार १० जाने जिल्ला वाहेर गैल रहिट कलेसे १६ हजार १ सय ९ व्यक्ति बसाई सराई करके आइल देखगिल बा।
०७१ मे १२ हजार १ सय ४४ बसाई सराई घर संख्या रहल बा। जौनमध्ये बसाई सराई करके वाहेर जिल्ला जैना व्यक्ति संख्या ११ हजार ३ सय ८९ रहल बा। कलेसे आइल व्यक्ति संख्या ३३ हजार ९ रहल जनागिल बा। ओस्तके ०७२ सालमे फेन बसाई सराईके संख्या उच्च रहल देखगिल बा। चालु बरषके वैशाख ओ जेठके व्यक्तिगत घटना दर्ता विवरण अनुसार वैशाखमे ३ सय ४१ घर संख्या बसाई सराई हुइल बा। जौनमध्ये ४ सय ६३ व्यक्ति बसाई सराई करके अन्य जिल्लामे गैल बाटै कलेसे १ हजार ९७ व्यक्ति बसाई सराई करके आइल बाटै। जेठमे ४ सय ४१ बसाई सराई घर संख्यामे ८ सय २८ व्यक्ति बसाई सराई करके गैल बाटै कलेसे १ हजार ९ सय ४ व्यक्ति बसाई सराई करके आइल बाटै।
कैलाली जिल्लाके जनसंख्या वृद्धिदर, लैंगिक अनुपात तथा औसत घरपरिवारके संख्यामे वि.सं. २०५८ सालसे वि.सं. २०६८ मे पुगटसम तीव्र गिरावट आइल देखगिलेसे फेन बसाई सराई भर धिउर संख्यामेे बृद्धि हुइल पागिल बा। पपुलेसन मोनोग्राफ २०१४ अनुसार कैलाली जिल्लामे सुदूरपश्चिमके जिल्लामध्ये बसाई सराई करके अउइयनके धिउर संख्या रहना जिल्लामध्ये कैलाली एक हो। उ प्रतिवेदनअनुसार जिल्लामे बसाईसराईके बहिर्गमन दर २.७ प्रतिशत बा कलेसे आगमन दर ६.५ प्रतिशत ओ खास बसाई–सराई दर ३.८ प्रतिशत रहल बा।
पहाडी जिल्लामे दक्ष जनशक्तिके अभाव
बसाई सराईके दर जिल्लागत तथा क्षेत्रगत जनसंख्याके दरमे बहुट भारी भूमिका खेल्टी आइल विज्ञहुकनके कहाई बा। उहाँहुक्रे बसाई सराई करके अइना जिल्लाके जनसंख्या ओ जैना जिल्लाके जनसंख्यामे असर पुग्ना संगे राज्यके नीति तथा कार्यक्रममे असर पुग्टी रहल बटैले बाटै। कैलाली बहुमुखी क्याम्पस धनगढीके जनसंख्या विषयके प्रध्यापक महेन्द्रराज जोशी मुलुकके सबसे धिउर बसाई सराई हुइना जिल्लामध्ये कैलाली पाँचौं स्थानमे रहल जानकारी देलै। कैलाली जिल्लामे खासकैके पहाडी जिल्लासे बसाई सराई करके अइटी रहलओरसे पहाडी जिल्लाके विकास संरचनामे धिउर असर पुग्टी रहल प्रध्यापक जोशी जानकारी देलै। उहाँके अनुसार पहाडी क्षेत्रके शिक्षित जनशक्ति बसाई सराई करके सुगम जिल्लामे अइटी रहलओरसे पहाडी क्षेत्रमे दक्ष जनशक्तिके अभाव हुइना, बसोबास हुइटी आइल बस्ती खाली हुइना, पहाडी गाउँघरमे यूवा वाहेक बालबालिका ओ बुह्राईल मनै किल रहनाहुइल ओरसे विकास कार्यक्रममे धिउर असर पुग्टी रहल बा।
थारू समुदाय अल्पमतके जोखिममे
पहाडी जिल्लासे कैलाली–कञ्चनपुर जिल्लामे बसाई सराई करके अइना क्रम उच्च रहल कारण यी दुई जिल्लाके रैथाने आदिवासी थारू समुदायमे धिउर असर पुग्न देखगिल बा। मुलुक संघीयताके प्रक्रियामे रहल बेला यी क्षेत्रमे कैलाली–कञ्चनपुर मौजुदा सुदूर पश्चिमाञ्च विकास क्षेत्रसे अलग करके थरुहट बनैना ओ नौ जिल्लाके अखण्ड सुदूर पश्चिम प्रदेश बनैना बारे बहस जारी रहल बा। जारी तिब्र बसाई सराईके कारण थारू समुदाय अल्पमतमे परके थारू समुदायके पहिचान संकटमे पर्ना बटैठै प्रध्यापक जोशी। उहाँ बसाई सराईके कारण थारू समुदाय उप्पर अन्याय हुइटी रहल बटैटी सक्कु पक्ष गम्भिर हुइक पर्ना बटैलै।
बसाई सराई नियन्त्रण करेक लाग राज्यके प्रभावकारी नीति बनेक पर्ना, संघीयतामे थारू समुदायके पहिचान ओ विशेष हक अधिकारके ग्यारेन्टी हुइक पर्ना, पहाडी क्षेत्रमे विकासके पूर्वाधार निर्माण हुइक पर्ना, राज्यके स्रोत सधान वितरणमे पाछे परल क्षेत्रहे प्राथमिकीकरणके आधारमे विकास करेक पर्ना प्रध्यापक जोशी सुझाव देलै।