कृष्णराज सर्वहारी-
आदरणीय डिल्लीजी
राम राम
गइल संविधान सभामे अपने हार गैली। अप्की सहजील डग्गर समानुपातिकमे हाँठ नफैले बटी। अग्रिम बधाई बा, अपने शेर बहादुर देउवाहे गडफाडर मान्के जो नेंगटी बटी।
अपनी पैल्हाफेरा चुनाव लरली टे, सोंचगैल रहे। आब राजनीतिमे कुदजैबी। मने फेन डोस्रे बेस एनजीओ चलाई चलगैली। एनजीओ चलैना मनै अपने हुइ या गोपाल दहित, जमके राजनीति करे नैसेक्बी कना मोर ठहर बा। ओहेसे जस्टे देउवा आपन जन्नी आरजुहे एनजीओ चलैना ठेक्का डेले बा। अपने ओ दहितजी आआपन जन्नीन् एनजीओक् जिम्मेवारी डेके खुलके पूरा राजनीतिमे अइबी टे थारुन्के कल्याण हुइ कना मोर अनुरोध बा।
डिल्लीजी अपने अपन चुनावी क्षेत्र दांगमे परल रटी टे कौनो बात नै रहे। मने अपने देउवक्. पुँछी बनके कैलाली क्षेत्र नं ६ मे उच्या गैली, यज्ञ चौधरीहे गोचाली मिलाके। खास कैके कमैयन्के बस्तीमे जाके मंगैटी बटी भोट, कि इहे देउवा हुइट हमार लग असली भगवान। जिही अपने भगवान मानके नेगटी बटी, उ टे थरुहटके सबसे भारी दुश्मन हो, यी बात अपनेन मजासे पटा हुइटी हुइटी का करे ओकरे वकालत करटी?
२०६९ वैशाखमे एक महिने कैलाली कञ्चनपुर बन्द आन्दोलनमे हमरिहीन थरुहट चाही, अखण्ड सुदुरपश्चिम नाही कैहके का अपने अंग्री उठैलक् नै हुई? अखण्डेन्से रखेड्वा टे अपने फे पैलक हुई , ओइने जो अपने सम्बद्ध वेसके अफिस फेन तोडफोड कर्ला। आब हेरी, डेखाइटी तमाशा फेन ओइनेहनसे हाँ मे हाँ मिलाई लग्ली। राजनीतिमे कौनो इमानदारिता नै चाहठ , शायद अपने हस नेतन् इहे सन्देश डेठाँ।
देउवा कैलाली क्षेत्र नं ६ के चुनावी दौडाहा मे खोख्टी बा, कि थरुहट होए चाहे ना होए, मने मै थारु डाडु भैयनके विकास के लाग काम करम। यहाँ पहिचान के राजनीति उठल बा, थारु अपन भूमिसे अपनहे चिन्हाइक खोज्टी बटाँ, अपने जुन खुलेआम कैलाली कञ्चनपुरहे अखण्ड सुदुरपश्चिममे गभ्ना ओ ओकर राजधानी दिपायलमे बनैना व्यक्तिक् वकालत करटी बटी।
कैलाली क्षेत्र नं ५ ओ ६ मे एक टे पहरिया, उपरसे बहरिया आइल बटाँ उम्मेदार बनके। अपने ओइनेनके वकालत करटी बटी। अपनेक व्यवहार डेख्के टे अपने खोल ओह्रल थारु किल हुई कि कना हस लागटा।
सव कांग्रेसी खराब कलक नै हो। मने थरुहट भूमिहे नामेट परुइया अभियानमे लागल अपनेक गुरु देउवा खराब। सब एमाओवादी खराब कलक नै हो, मने अपने पार्टीक् लानल खाका कैलाली कञ्चनपुरहे थरुहटमे ढैना कना तथ्यहे नै मानके उही सेती महाकाली क्षेत्रमे गाभक लाग लागी परल लेखराज भइ खराब। जे खुलेआम थरुहट भूमिहे गोली डग्टी बा, अपने उहे डगेवाज लोगन्से हाँठमे हाठ मिलाइटी। यी थारु समुदाय प्रति गद्धारी हो।
फोरम लोकतान्त्रिक मे छिरल थारुन् कुछ मनै नकली थारुके बिल्ला लगैठाँ। जबकी उ पार्टी स्पष्ट रुपले चितवनसे पश्चिउँ थरुहट बनैना खाका नन्ले बा। लीला भण्डारी जिते या महेश्वर पाठक, ओइने फेन लेखराज भइ ओ भीम रावलके जो पद चिन्हमे चलके अखण्ड प्रदेशके नारा लगुइया हुइट, यी बाट प्रष्ट बा। ओहेेसे क्षेत्र नं ६ के सबसे बल्गर थारु उम्मेदार अप्की निर्विकल्प सव थारुन्के रोजाइ बन्ना चाही कना बात अपनेहस पहिचानके आन्दोलनमे लागल मनै कर्ना चाही। मै सुनल अनुसार थरुहट तराई पार्टीके उम्मेद्धार खडग चौधरी चुनावसे पहिले गों कैरख्लाँ। ओहेसे उपे्र उप्रे भलही, अपनी देउवक प्रचार करी। भित्रे भित्रे जित्ना बल्गर थारुन जितैना अभियानमे लागी ओ राजनीतिमे लम्मा रेसके घोरवा बनी, कबसम बन्बी देउवक् झोल्बोकुवा? कना अपनेन खुसुकसे सल्लाह डेहक् चाहटुँ। मोरहस एक पाठकके बात ओनाइ या देउवाहे गद फादर मानके चली। उ टे अपनेक विचार।
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