अनत चौधरी/राम दहित, धनगढी- कहठै मेहनतके फल मिठ रहठ। ओस्टे हुईल बा पवेरा–५ के २५ बर्षीय सन्तोषकुमार चौधरीके जिन्गीम्। मेहनती, कर्ममे विश्वास करना, कबुफेन पनि हतास नाई हुईना स्वभावके सन्तोषके अब्बे दिनचर्या जो परिवर्तन हुईल बटिन। कौनो समय पत्रिका वितरक रहल उहाँ हाल गाविस सचिव हुइल बाटै।
मध्यमवर्गीय किसान परिवारमे जन्मल उहाँ अध्ययनमे ध्यान डेना स्वभावके कारण लोकसेवा आयोगके परीक्षामे खरिदार पदमे पास हुइल बटाँ। उहाँ कक्षामे जबफेन प्रथम स्थान हासिल करलै। २०६२ सालमे एसएलसी पास करके उच्च मावि अध्ययनके लाग गाउँके स्कुलमे व्यवस्था नाई हुईल ओरसे सदरमुकाम धनगढी अइलै। ओट्ठेहेसे ओहकान संघर्षके दिन शुरु हुइलिन। क्याम्पसमे नियमित अध्ययनके लाग कोठा भाडा, विजुली, कितावकापी, लत्ताकपडा लगायत ढेउर समस्या बेहोर्ना उहाँहे झन समस्या हुईलिन।
एकठो कहाइ बा, जहाँ इच्छा, उहाँ उपाय। आपन अध्ययनहे निरन्तरता देहक लाग सन्तोष धनगढीसे प्रकाशित हुईना पत्रिका समाचार साराँश दैनिक ओ कञ्चनपुरसे प्रकाशित हुईना पश्चिम नेपाल दैनिक पत्रिकामे एक बर्ष हकरके काम करलै।एक बरससम महिनाके एक हजारमे काम करल उहाँ डोसर बरस समाचार साराँशमे मार्केटिङ म्यानेजर हुके काम करना मौका पैलै। महिन फेन नियमित क्याम्पस जैना मन लागे। तर अध्ययन खर्च धन्ना औरे कौनो उपाय नाई रहे। ओहेमारे कक्षा छोर छोर पत्रिका वितरण करे जाउँँ।। उहाँ पत्रिका वितरण काम करटी प्रविणता प्रमाण पत्र तहके अध्ययन कैलाली बहुमुुखी क्याम्पससे पूरा करलै।
एक भैया, २ बहिन्या ओ डाईबाबा करके ६ जनहनके ओहकान परिवार बा। पत्रिका वितरण करटी जाईबेर पत्रिका सम्वन्धी अनुभव बिटोरल सन्तोष समाचार साराँश ओ पहुरा थारु दैनिकमे व्यवस्थापक ओ प्याब्सन कैलालीमे कार्यालय सचिवके रुपमे काम करलै। पत्रिका कार्यालयमे काम करटी–करटी सरकारी, गैरसरकारी संघसंस्थाके व्यक्तित्वहुक्रनसे चिनजान ओ उहाँहुक्रनके हौसलामे २०६५ सालमे खरिदार पदके लाग लोकसेवा आयोगमे दरखास्त डरलै। पहिलचो दरखास्त करलमे लिखितमे नाउँ निकारके मौखिकमे बैकल्पिकमे परलै। मै बैकल्पिकमे परल पाछे झन मनमे जैसिक फेन लोकसेवाके परीक्षा पास करम कहिके लागल।’ चौधरी बतैलै। उहाँ डोसरचो फेन २०६७ सालमे खरिदार पद ओ नेपाल वन सेवा अन्तर्गतके गेम स्काउट पदके लाग लोकसेवा आयोगमे दरखास्त करलै। ओ उहाँ डुनु ठाउँमे लिखितमे नाउँ निकरलै। तर खरिदार पदमे ओहकान पहिले पदभार होसेकल ओरसे उहाँ गेम स्काउट पदके लाग अन्य परीक्षामे सामिल नाई हुईलैै। अईसीक उहाँक लोकसेवा पास करना सपना साकार हुइलिन।
खरिदार पदमे नाउँ निकारल पाछे ओहकान घरपरिवारमे फेन दैनिक खर्च जुटैना ओत्रा समस्या नाई हो। अब्बे उहाँ अछाम जिल्लाके रिडीकोट गाविस सचिव पदमे कार्यरत बातै। अईसिक पत्रिका वितरकसे सचिव पदसम पदभार ग्रहण करुईया एक उदाहरणीय व्यक्ति बनल बातै सन्तोष चौधरी कैलाली। ओहेमारे ओहकान यी संघर्षमय जीवनसे पाईल सफलताके पाठ हमरे फेन सिख्ना हो कि?
साभारः २१ भदौ, गोरखापत्र
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