आदिवासी कहलै- ‘६ प्रदेशके खाका धोखा हो’ (थारु भाषा)

लखन चौधरी/लम्की
आदिवासी जनजातिहुक्रे प्रमुख चार राजनीतिक दलबीच शनिच्चरके आधारातमे हुइल ६ प्रदेशके सहमतिहे धोखाके रुपमे लेले बाटै।
‘पहिचानसहितके संघीयता आदिवासी जनजातिके अडान, समानुपातिक समावेशी धर्म निरपेक्षतासहितके लौव संविधान’ कना मूल नाराके साथ २१ औं विश्व आदिवासी जनजाति दिवशके अवसरमे कैलालीके लम्कीमे आयोजित सभामे आदिवासी जनजाति नेताहुक्रे उ सहमतिके कडा विरोध जनैले बाटै।
कार्यक्रममे आदिवासी जनजाति महासंघके केन्द्रीय उपाध्यक्ष बसन्त घर्तीमगर संविधानसभाके प्रमुख राजनीतिक दलबीच शनिच्चरके मध्य रात हुईल ६ प्रदेशके सहमति आदिवासी जनजातिहुकनसे मान्य नैहुइना ठोकुवा करटी धोकाके रुपमे रहल बटैलै। उहाँ उ सहमितिहे नैसच्याईलेसे जनयुद्धसे फेन भारी युद्ध हुइना फेन उद्घोष कर्लै। चार दलहुकनके क्रियाकलाप राजा महेन्द्रसे फेन धिउर अधिनायकवादी रहल आरोप फेन लगैटी उहाँ नेपालके ५१ प्रतिशत आदिवासी जनजातिके हित विपरित रहल बटैलै।

ओस्तके आदिवासी जनजाति समन्वय समितिके अध्यक्ष तेजतरामी मगर आदिवासीहुकन लट्याके चारदलहुक्रे सहमति करल बटैलै। कैलाली–कञ्चनपुर जिल्ला आदिवासी जनजाति थारु बाहुल्य क्षेत्र रहल बटैटी उहाँ उ दुई जिल्लाहे थरुहट बनाइक लाग चाहे जसिन कदम चल्न चयार रहल बटैलै।

एमाओवादीके केन्दी्रय सदस्य तथा पूर्व सभासद बीरमान चौधरी चार दलके सहमति संविधान निर्माण कैना बहानामे आदिवासी जनजाति, उत्पीडित पिछडा वर्ग, दलितहुक्रनहे अधिकारसे बञ्चित कैना खेल खेल्टी रहल बटैलै। उहाँ लोकतन्त्र ओ गणतन्त्र रहल देशमे आपन आत्मनिर्णयके अधिकार करे नाई पैना दुखके बात रहल बटैलै। संघीय समाजवादी फोरम नेपालके केन्द्रीय सदस्य होरीलाल चौधरी नेपालमे चार वर्ण छत्तीस जात भनाईमे किल सीमित रहल बटैलै। उहाँ कैलालीमे हुईटी रहल अखण्ड ओ हिन्दुराष्ट माग करटी हुईटी रहल आन्दोलनहे एकल जातीय आन्दोलन रहल बटैलै। साथे उहाँ पहिचान सहितके संघीयता निर्माण ओ आदिवासी जनजातिहुक्रनके हक अधिकारके सुनिश्चितता हुईलमे किल आदिवासी जनजाति दिवश मनाईलके औतित्य रहना बटैलै।

मधेसी जनअधिकार फोरम लोकतान्त्रिकके जिल्ला उपाध्यक्ष गयाप्रसाद कुश्मी आदिवासी जनजातिहुक्रनके हक अधिकार बाहुन क्षेत्रीहुक्रे खोसल ओरसे आपन हक अधिकारके लाग एक जुट हुईनाके साथे आन्दोलनके विकल्प नाई रहल बटैलै। साथे उहाँ राज्यके सक्कु निकायमे समावेशिता हुईलमे किल आदिवासी जनजाति आपन हक अधिकार पैना बैटैलै।

थारु कल्याण कारिणी सभाके निबर्तमान सभापति प्रभातकुमार चौधरी अब्बे बने लागल संविधानमे आदिवासी जनजातिहुक्रनके लाग आत्मनिर्णयके अधिकार सहित पहिचान सहितके संविधान बनाई पर्ना माग करलै। साथे उहाँ थारु तराईके भूमिपुत्र रहल ओरसे पूरुव नवलपरासीसे पश्चिम कैलाली, कञ्चनपुरसम थारुनके बाहुल्यता रहल क्षेत्रहे थरुहट प्रदेशके माग करटी यकर लाग थारु एकजुट होके आगे बढे परना बटैलै। कार्यक्रममे नेपाली कांगे्रसके प्रतिनिधी देवनन्द जोशी, नेकपा एमालेके मित्रलाल चौधरी, जनमोर्चाके मिलन शाही, नेकपा माओवादीके लालबहादुर शाही, थरुहट तराई पार्टी नेपालके जिल्ला अध्यक्ष बीर बहादुर चौधरी, थाकस क्षेत्र नं. २ के देशराज चौधरी, समाजसेवी बुद्धिजीवी विजयराज श्रेष्ठ लगायत आ–आपन शुभकामना मनतब्य व्यक्त करले रहिट। दिवशके अवसर पारके आदिवासी जनजाति तथा थरुहट पक्षधरहुक्रे मोतीपुरसे लम्की बसपार्क सम ६ प्रदेशके विरुद्धमे विरोध प्रर्दशन करले बाटै।
ओस्तके भजनी बजारमे फेन थरुहट प्रदेशके माग करटी ६ प्रदेशके विरोधमे ३ गाविसके आदिबासी जनजाति थारुहुक्रे र्‍याली निकारल थरुहट पक्षधरके नेता केवल चौधरी बटैलै।

ओस्तके थरुहट संघर्ष समितिके संयोजक रेशम लाल चौधरीके अगुवाईमे थरुहटके माग करटी टीकापुर बजारमे मसाल जुलुश प्रर्दशन करगिल बा। ओस्तके कविला युवा क्लवके आयोजनामे मनाउ–५ पर्सेनीपुर बर्दियामे फेन २१औं आदिवासी जनजाति दिवश मनागिल बा। नेपाल आदिवासी जनजाति समन्वय समितिके अध्यक्ष कालिदास चौधरीके घरगोसियाईमे हुईल कार्यक्रमके बड्का पहुना नेपाल आदिवासी जनजाति महासंघके सल्लाहकार कासीराम थारु रहिट। ओस्तके पहुनाहुक्रनमे गाविस सचिव चक्रमणि आचार्य, नेपाल आदिवासी जनजाति समन्वय समितिके कोषाध्यक्ष विश्वनाथ श्रेष्ठ लगायत रहल रहिट। कार्यक्रममे आदिवासी जनजाति समुदायके नाचगान समेत प्रस्तुत करगिल रहे।

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