मोर मैयाँ (थारु गजल)

मोर मैयाँ छोर्ख जइना निष्ठुरीहे बधाई ।
महिसे नाता तोर्ख जइना निष्ठुरीहे बधाई ॥

मैयाँके नाटक खेल्टि नेङग्ना तु निष्ठुरी।
मोर भावना खेल्ख जइना निष्ठुरीहे बधाई ॥

संघ जिना संघ मिना कसम खइटी न्याङना ।
बाचा कसम तोर्ख जइना निष्ठुरीहे बधाई ॥

मैयाँ हमार चोखो हो जनम जनम संघ जिना ।
सपना देखाख छोर्ख जइना निष्ठुरीहे बधाई ॥

तुहार हातसे सिउदो भरम मोर जीवन बितिम ।
पराईके सिउदो भरख जइना निष्ठुरीहे बधाई ॥

राम पछलदङग्याँ अनुरागि
हेकुली-८, दाङ

हालः मलेसिया

Leave a Reply

Your email address will not be published.