सीएन थारु।
एसपी सहित ८ प्रहरी जवान ओ एक नावालक के हत्या हुइल भाद्र ७ गते एक वर्ष पुगरख्ल। हजारौं थारुनके उपस्थिति रहल टीकापुर, कैलाली घटना अस्वभाविक अथवा स्वभाविक ज्या रहल से फे दुःखदायी घटना हो। टीकापुर घटना सम्बन्धम सरकारी अध्ययन टोली आपन मेरके निष्कर्ष निकार्ले हुइही मुले गैर सरकारी संस्था मार्फत लाहुर्निप, एमनेष्टी इन्टरनेशनल लगायत मानवअधिकार के सवालम काम करुइयन आपन रिपोर्ट सार्वजनिक कैरख्ल। टीकापुरम थारुन उपर हुइल ज्यादती राज्यके निर्मम दमनके नमूना रहे। महिनौं चलल आन्दोलन से चिसो नेपाल खाल्डो भाद्र ७ गते एका एक तातल देखमिलल। घटना हुलेक एक घण्टाम मन्त्री परिषदके बैठक मार्फत सेना टीकापुर क्षेत्रम तैनात हुइल रहे। मनोवैज्ञानिक त्रास ओ दमनात्मक नीति एक साथ प्रयोग हुइल। टीकापुर घटनाके एक वर्ष कसिक वितल याकर विषयम सामाजिक अध्ययन आवश्यक रहल महसुस हुइटा।
सप्तरीया थारुनके विचम एकठो अहान बा कि धौल धम्के त भौर चम्के आ थौर धम्के त ………..। थारुनके महान संघर्षम तयार कैगिल उपरोक्त आहान एक वर्ष आघ टीकपुर, कैलाली घटना मार्फत प्रमाणीत हुइल कि थौर धम्के त राज्य सत्ता हिलल। चाहे थारुन हे यी राज्य आतङ्ककारी घोषणा करे अथवा अराष्ट्रिय तत्व आब थारुन इतिहासके कौनो दुर्घटना मार्फत स्थापना कैगिल वर्तमान शासकम शासन कैना शाश्वत अधिकार बा कैहक मानक लाग अनिच्छिुक रहल घटनाक्रम प्रमाणीत कैलक हो। सप्तरीके धौल चौधरीके अगुवाईम राणा–शाह के समयम भौर जातके विरुद्ध घोषित युद्ध मार्फत भौर जातके अहंकार तुड देहल। ओकर पाछ थारुनके इलाकाम भौर जात हे बैठे नै मिल्ना स्थिति आज तलुक कायम बा।
भाद्र ७ गते आघक टीकापुर
भाद्र ७ गते टीकापुर नगरपालिका भित्तर थारुनके कार्यक्रम घोषित रहे। आन्दोलनरत थारुनके उक्त कार्यक्रम शान्तिपूर्ण बनैना प्रयास प्रशासन फे कर्ल नाटक वाजी हुइल। गणेश चौधरीके अनुसार साउन २८ गते सभासद अमरेश कुमार सिंह, संघीय समाजवादी फोरमके अध्यक्ष उपेन्द्र यादव ओ सदभावना पार्टीके अध्यक्ष राजेन्द्र महतो थरुहट आन्दोलनकारी के अगुवाईम आयोजना कैगिल आमसभा हे सम्बोधन करकटन टीकापुर आइल रहे। अखण्ड पक्षधर यी वहानाम साउन ३२ गते धनगढीम आयोजना कैगिल दोसरा कार्यक्रम अवरुद्ध करे खोज्ल ओ दुई पक्ष आमने सामने हुइ लागल। भाद्र तीन गते संविधान सभा मार्फत नेपालके संविधान–२०७२के मस्यौदा पारित कैलक खुशियालीम भाद्र ४ गते अखण्ड पक्षधर धनगढी से लम्की सम्म मोटर साइकल रयाली निकर्ल मुले टीकापुर जब प्रवेश कैना जोश देखैल थरुहट पक्षधर से अवरुद्ध कैना काम हुइल रहे। पाछ स्थिति नियन्त्रण बाहर गइल जहाँ थारु कल्याणकारिणी सभाके टीकापुर कार्यालय तोडफोड लगायत बजार क्षेत्रम थारुन के पसल तोडफोड हुइल।
ओहे रातसे टीकापुर क्षेत्रम प्रशासनद्वारा कर्फ्यु जारी कर्ल रहे। रातम कर्फ्यु ओ दिनम निषेधाज्ञा के कारण कार्यक्रम ने हुइना सम्भावना बहर्ती गइल। भाद्र सात गते निषेधाज्ञा प्रतिरोध कैख थारु आन्दोलनकारी टीकापुर आइलागल। दुर्गौली लगायत अन्य क्षेत्रम भिडन्त शुरुहुइ लागल ओ पशुहाट बजार तनाव ग्रस्त बनल। उत्तर ओरसे आइ लागल आन्दोलनकारी हे शिव मन्दिर छेउ रोक्ल मुले पश्चिम से आइल आन्दोलनकारी जब टीकापुर प्रवेश कर्ल एक अस्वभाविक घटना घटल। एक नावालक सहित आठ सुरक्षाकर्मी के हत्या हुइले मुले थारुन के ओर एक फे हताहति हुइल प्रमाण नै मिलल।
टीकापुरम एस.पी.के उपस्थिति काकरे? उपरोक्त सवालके जवाफ कठीन बा। आन्दोलनम एस.पी.के उपस्थिति स्वयम्म खोजीके विषय हो जहाँ सशस्त्रके विशाल डफा फे उपस्थित रहे। राज्यके षडयन्त्र यहाँ फे अनुमान करे सेक्ना हुइल कि सशस्त्र का करे मुकदर्शक बनल ओ वहु प्रचारित विषय नाबालकके हत्या आन्दोलनकारी से हुइल प्रमाण का? स्वतन्त्र अध्ययनके अभावम जनतन वास्तविकता से धेर भ्रम पाल्कके बैठल ओ राज्यके सम्पूर्ण मिडिया पुरापुर भ्रम पस्कलक प्रणा खोजे नैपरी। संचार मिडियाके अनुसार टीकापुरम एस.पी.के उपस्थिति थारुन हे सम्झाइ बुझाईक लाग रहे मुले पटक पटकके झडप ओ निषेधाज्ञाके प्रतिरोध करती रहलक व्याला भाद्र ७ गते एस.पी.के उपस्थिति अत्रा कामके लाग रहे स्वीकार कैना मुश्किल बा।
भाद्र ७ गते पाछक टीकापुर
भाद्र ७ गते से प्रशासन कर्फ्यु जारी कर्ल मुले भाद्र ८ गते कर्फ्यु जारी कर्लक समयम नीजी घर ओ पसलम आगजनी, लुटपाट ओ विध्वंस कर्ल। घर घरम छापा मारे लागल मानौं जम्म थारु मनै हत्यारा हुइट। युवा, विद्यार्थी , बडघर हे पक्राऊ करे लागल। जनजीवन त्रसित बनल। घनघोर पानी दर्कल व्याला थारुन के घरम सुरक्षाकर्मी के बुट ओ मेसीनगन मनोवैज्ञानिक रुपम कमजोर बनाइक लाग सहयोगी बनल। टीकपुर एक हिसाबले सुनसान विल्गाइल। अत्राम घटना साम्य नैहुइल। सुरक्षाकर्मी हत्या मुद्दाम धेर जनहे नियन्त्रणम लेक यातना देहल रिपोर्ट बाहर आइल। खास कैख टीकापुर आगजनी पाछ टीकापुर क्षेत्रम थारुनके कार्यक्रम निषेध कैगिल ओ २०१८ सालसे २०२८ सम्म दाङ उपत्यकाम जौन किसिमके जातीय सफाया चलाइल ओहे पिडा टीकापुर के थारुन हे भोगे परल। राजनीतिक असन्तुष्टीके विषय त पलेबा दोसरा मनोवैज्ञानिक रुपम हम्र नेपाली हुइटी कना आधार ओरा रख्ल। नेपाली नागरिकता धारण कर्लसे नेपाली हुईजैना हो कले से यी अन्तरविरोधी रहल व्यवहार पुष्टी करठ। सामाजिक सम्झौताम टिकल राज्य व्यवस्था भित्तर यदि थारुन नेपाली नागरिकता स्वीकार्ठ कलेसे ओकर जीऊधनके सुरक्षा ओ समान अवसर प्रदान कैना राज्यके दायित्व हुइपर्ना हो मुले राज्यके चरित्र हेर्ल से पुरे थारुन से टक्कर लेना अगुवाइ कर्टी बाट। आज खसिया थारुन हे हेर्लसे डरैना ओ थारु मनै खसियासे डेरैना स्थिति फे विल्गाइठ। बन्दुकके बलम टीकापुर हे शान्त बनैना सहजिल हुइल मुले याकर कारण ठीक ढङ्से पता लगाक यदि उपाय खोजे नैसेकलम विष्फोटके सम्भावना पल्ले रहना मानजाई।
अर्थराजनीतिक हिसावले हेर्लसे टीकापुर क्षेत्र मनोवैज्ञानिक त्रासम बाँचल विल्गाइठ। तानाशाहके शासन भितर बैठे पर्ना थारुनके नियती बनल कि वाध्यता याकर जवाफ सहजिलसे खोजी नै हुई सेकी। यदि यी बाध्यता हो कलेसे आपनम थारुनके भरोसा गुमल स्वीकार करही परि नै त भिलेन बनैना शक्ति हे आब जाने परल। इतिहाससे थारुन के शक्ति कमजोर बनैना योजना राज्यके रहल प्रष्ट बा। आधुनिक राज्य निर्माण सँगे थारुनके विरुद्ध वर्तमान राज्य साम, दाम, दण्ड ओ भेद प्रयोग कर्ल। पश्चिमा लोकतन्त्रके नक्कल कैख ब्राह्मणवादी राज्य सत्ता सारम टिकाइक लाग विभिन्न नामधारी आन्दोलन हुइल। सक्कु आन्दोलनम थारुन हे प्रयोग किल कर्लक अनुभूति हुइलेक मारे सर्वसत्तावादी ब्राह्मण उच्च जातीय अहंकारके विरुद्ध एक जुट होक लडपर्ना अवधारणा त विकास हुइल मुले टीकापुर घटनाके सैद्धान्तिकरण करबेर यी कौन आन्दोलनके मोडल रहे पता लगैना करा बा। झन भाग्य हे दोष देना थारु मनै लौव ढङ्से प्रतिरोध कैना विषय कल्पना किल हो।
टीकापुर क्षेत्र भूराजनीतिक हिसावले थारुनके पकडसे वाहर जाइ कना विषय थारुनके आत्मगत तयारीम भर परठ। थारु मनै आपन भितरके डर हे यदि जिते सेकल कलेसे नेपालके एक लाख तालिम प्राप्त सेना फे रोके सेक्ना हिम्मत नैकरही। यी नेतृत्वसे किल जुडल विषय नि हो। यी विशुद्ध चेतना ओ सिद्धान्त–विचार से सम्बन्धित विषय रहल। सुदुर पश्चिमके नामसे आन्दोलनकारी का करे थारु आन्दोलनकारी विरुद्ध उठल, जबकी हमार आन्दोलनके निशाना उत्पीडनके विरुद्ध ओ सिधा राज्यसे सम्बन्धित बा। क्षेत्रीय उत्पीडनके समस्या से मुक्ति खोज्ती रहलक सुदुर पश्चिमके आन्दोलन कारी थारुन से भिडन्त करे पर्ना मान्यता विल्कुल अन्तरविरोधी रहल विल्गाइठ। अथवा अखण्ड पक्षधर आन्दोलनकारी विरुद्ध थारुनके भिडन्त फे आन्दोलनके मान्यता विपरित काम हो। राज्य हे बलगर बनैना काम दुनु ओर्से हुइती आइल। राना थारु यी आन्दोलनम अन्यौलताके स्थिति से गुज्रल। दुविधा अथवा भ्रम मे न राम मिले न रहमान अर्थात् राना थारु आज जौन स्थिति भोग्ती बा यी भ्रमके खेतीके उत्पादन हो। अखण्ड पक्षधर भ्रमके खेती धेर कर्ल जिहिहे नेपालके सञ्चार मिडिया निरन्तर व्यापक प्रचार कर्ल। याकर प्रभाव और जटील बन्ना संकेत आस्याकल। स्वायत्त ईलाका अथवा संरक्षित क्षेत्रके परिधि सात प्रदेश के प्रभाव अन्तरगत सिफारिश हुई जहाँ राना थारुके भविष्य ओजरार हुइसेक्ना आधार नैरही।
अन्तम, विकल्प सहितके विद्रोह आबके निकास हो। हम्र थारु इतिहासम सत्ताधारी रहली ओ आज फे कम्युनिष्ट ओ पूँजीवादी असक सत्ता विहिनके अवस्थाम नैरहल अनुभूति बा। सवाल अत्रा हो कि हमार सत्ता आधुनिक राज्य सत्ता से ढाकल विल्गाइठ। लोकतन्त्रके नामम नवउदारवादी हुक्र जत्रा ढाके खोज्लसे फे आब सम्भव नै रहल सावित हुस्याकल। विश्वव्यापीकरणके प्रभाव मार्फत पूँजीवाद फैलाबट हुइल सँगे आधुनिक राष्ट्रराज्य कमजोर बनल। केपीओली जमात नवउदारवाद हे जोड देना नीति लेहल ओ नवउदारवादी प्रभाव हे रोके खोज्ना कसरत फे करठ। हुक्र तर्क कर्ठ कि पश्चिमा के प्रभाव नेपालम बहर्ती बा जबकी पूँजीवाद विशुद्ध पश्चिमा ज्ञान श्रोत रहल स्वीकार कर्ल से फे ढोङ रच्ठ कि नेपाल एकल राष्ट्र राज्य हो। आब यिहे दरिद्र मानसिकताके विचसे लौव धारणाके निर्माण कैख वास्तविकता बाहर नान परल कि नेपाल वहुलराष्ट्रिय राज्य हो। यीहे सत्यम रुपान्तरण करक लाग शक्ति निर्माण अनिवार्य मानजाइठ। कि शक्ति ज्ञानम रहठ कि साधन श्रोतम। आब छनौट करे परल कि हम्र थारु ज्ञानम अब्बल बने परल कि स्थानीय साधन श्रोतम पहुँच कायम कैख। इतिहासम शासकवर्ग मिथ निर्माण कर्ल ओ शक्ति आर्जन कैख आज सत्यके रुपम प्रस्तुत करठ। आब थारुन हे फे मिथ निर्माण जरुरी बा। मिथ निर्माणके आधार हम्र थारुनके भितर समाजवादी भ्रुण रहल दावी करे पर्ना हुइल। वास्तव में थारु मानव केन्द्रवाद के विरुद्ध स्वयम् हे ठरियाइल ओ जैविक वहुलवादके अवधारणा भितर आपन सम्यक जीवन वितैना वैकल्पिक अर्थतन्त्रके विकास कर्ल। हजार विपतके बाबजुद थारु मनै यी धरतीम टिके सेक्ना अधार जैविक वहुलवाद प्रदान कर्ल मुले राज्यके पत्यक्ष निर्देशनम प्राकृतिक श्रोत–साधनके अनियन्त्रित दोहन हुइलागल ओर्से थारुनके जीवन पद्धतिम जटीलता आइ लागल। यी सत्य हो कि थारुनके विचसे लौव अवधारणा विकास होक रही। आब पूँजीवाद ओ नवउदारवाद याकर समाधान देहे नैसेकी। मार्क्सवाद रक्षात्मक बनस्याकल। स्वराजके मान्यता यिहे आधारम जायज मानजाई। यी होम रुलके मुल्य विकास करठ ओ समग्रम मानवतावाद के सार व्यवहारिक रुपम प्रयोग कैना परिवेश निर्माण करठ।