योगेन्द्र चौधरी २०६४ सालके थरुहट आन्दोलनके चर्चित युवा नेता हुइट। खास कैक नेपाल सरकारसे थारुन मधेशीके सूचिम बनाइल पाछ योगेन्द्र चौधरी थारुन्हक अधिकार स्थापितकरक लाग सरकारी जागिर छोड्खफे आन्दोलनम लग्लक हुइट। छोटी समय राजनीतिक स्थापित कैसेक्लक योगेन्द्र चौधरी पछिल्लो चरणम विजय कुमार गच्छदारके नेतृत्वम रहल पार्टी मधेशी लोकतान्त्रीक फोरम नेपाल पार्टीके केन्द्रीय सदस्य फे हुइट। अखिस उह पार्टीके तरफसे समानुपातिक तरफसे सभासदफे बाट।संविधान सभाम हालसम्म कौन कौन विषयम छलफलहुइट। उह विषयम सन्तोष दहितसँग करल बातचित प्रस्तुत बा।
सभासदम चयनहुइलकम बधाई बा?
धन्यवाद। साथे नयाँ बर्ष २०७१ साल के सक्कु नेपाली दादुभैया हुकन हार्दिक मंगलमय शुभकामना।
अप्नह फे शुभकामना बा। सभासद बनल पाछ, कसिन महसुस हुइल?
सभासद हुइना से पहिले फेन आदिवासी जनजाति थारु, मुक्तकमैया, कम्लहरी लगायत सेक्कु थारुनउपर राज्य पक्षसे निरन्तर रुपसे शोषण कैति अैलक व्यावहारके विरुद्धआवाज उठैति आईगैल रहे फरक अत्ना हो की काल सडक से, समाज मे प्रत्यक्ष अपस्थिति हो के उठ जाजैत रहे अव्वे वैधानिक रुपसे उठैना ठाउँसे उठा जाइत भूमिका उहेहो वहेक मारे खासे फक महसुस नै हुई।
हालसम्म संविधान सभाम कैठो वैठक बैसल? अप्न कत्रा वैठकम सहभागी हुइली?
चौध वैठक वैठराखल। १२ वैठकमे सहभागी हुईल वाटु।
आम्हिनसम कौन कौन विषयम छलफल हुइल त?
खास कै के २०६४ सालमे गठन हुईल संविधान सभा मे हुइलक काम के अपन्ात्व स्वीकार के वाँकी काम पुरा कैना की शुन्य तहसे यि नयाँ गठन हुईलेक संविधान सभा काम कैना कना विषय मन छलफल हुईल रा.प्र.पा. नेपाल कमल थापा हुक्रे यि संविधान सभा सर्वभौम हुईलक ओरसे नयाँ सिरा से का कैना चाही कहिके फरक विचार मे रहे अन्तत पुरान संविधान सभा मे काम कैलक सम्पुर्ण कामके यि संविधान सभा स्वामित्व ग्रहण कैना काम कइगैल। यि संविधान सभा हे व्यवस्थित वनाईक लाग संविधान सभा नियमवली २०७० नयाँ वनाके सर्वसहमत से पास कैगैलवा व महत्तवपूर्ण पक्ष उहे नियमावली भित्तर रहिके संविधान सभा के काम कारवाही हे तिव्रता देहक लाग पाँच ठो विषयगत समितिके आँसिक पुर्णता देना काम करर्ती अगामी माघ ८ गते भित्तर नयाँ संविधान नेपाली जनतन हे देना कार्य सुची सर्वसहमतसे पास कैगैलवा। हालसम हुइलक महत्वपूर्ण काम यिहे हो।
का बा, अखिसके संविधान बन्ना सम्भावना?
अग्रगामी शक्ति व प्रतिगामी शक्ति के विचमे टकराव बा पहिचान सहित के संघियता के विरोधी हुकन के लगभग दुईतिहाइ संख्या हुयलक मारे सँख्या के उद्मात ले नाउमकेल संघियता देके संविाधान जारी कैना लगभग निश्चित बातथापी अन्तरिम संविधान २०६३,विस्त्रीत शान्ती सम्झौता हे लत्याके जारी करल कौनोभि संविधान देश मे दिर्घकालिन शान्ति स्थापना नैनाने सेकी उहेक मारे प्रश्न संविधान बनि कि नै बनि कना से फेन पहिचा सहित के संधियता वा संघीययता सहित के अग्रगामी संविधान जारी हुइकी नैहुइ कना मुख्य प्रश्न हो।
कौन–कौन विषयकके कारणले संविधान बन्ना ढिलाई हुइल बा?
विषयगत समितिके सभापति निम्न प्रकृया वाँकी वा यि प्रकृया पुुरा हुइतीकिल संविधान लेखन प्रकृया आगे वढजाइ। यद्यपी संघियता शासकिय स्वरुपके विषय, नेपालके संविधान लेखनके मुख्य चुनौती के रुपमे बा कना पहिले के अनुभवसे प्रष्ट हो सेकल वा। अभिन सम ते यि विषयवस्तु प्रवेश नै भेतैले हो। ओ द्वन्दकालीन घटना हे कौन रुपमे लेना यि फेन राजनैतिक दल हुक्रन के टकराव के कारण संविधान लेखन प्रकृया हे फेन प्रभावित बनासेकथ।
राज्यके पुनःसँरचना कसिन हुइलसे मजा हुई?
राज्य के पुनरसंरचना के मुख्य आधार अन्तरीम संविधान २०६३ मे उल्लेख हुइलक, जातीय, क्षेत्रिय, वगर्ाीय वा लिङ्गीय उत्पीडन हे अन्त्य कर्ना उद्धेश्यके साथ अभिप्रेरित हो के जातिय ऐतिहासिक पृष्ठभूमि,भाषिक व क्षेत्रिय आधार मे हो। खास कैके पहिला संविधान सभा के विषगत समिति अर्न्तगत के राज्य पुनरसंरचाना समिति से प्रस्तावित हुलक १४ प्रदेश वा उच्चास्तरिय राज्य पुनःसंरचना आयोग से प्रस्ताव हुइलक १० प्रदेश ही उपयुक्त व बस्तुबादी बा।
अप्नक विचारम कसिन संविधान हुइलसे आम नेपाली जनता खुशी हुइही?
संघीयता, गणतन्त्र हमार नेपालके लाग नयाँ प्रयोग हो ओहेक मारे वहुसंख्यक नेपाली जनता अपने देशमे हुकेफेन पहिचान से वञ्चित बटां सक्कुहुनके पहिचान संवोधन हुइना लगायत आत्मनिर्णयके अधिकार सहितके स्वायत्त प्रदेशके ग्यारेन्टी करले से नेपालमे रहल सक्कु किसिमके अन्तरविरोध के संवोधन हुई व आम नेपाली जनता आपन संविधान स्वीकार कर्ना अवस्था आई।
पहिलाके संविधान सभाम थरुहट स्वायत्त प्रदेश सहितके संविधान हुइपर्ना कैख भारि आन्दोलन चर्कैली तव ४ जन थारु सहिद फे हुइल, विडम्वना तबक संविधान विघटन हुइल, अखिस संविधानसभाम अप्नह पुग्रली यी सम्भब बा?
मै शुरु मे कैहीसेक्लु यी संविधान सभा मे पहिलो चुनौति बा पहिचान के पक्षधर व अग्रगमन चहना शक्ति हुकन के संख्यक हिसावसेअब्यके संबिधानसभामे कम उपस्थिति वा जवरजस्त रुपमे संघियाता स्वीकारल राजनैतिकदलकनाउम केले संघियता देना पक्षमेवटा उहाँ हुकन के संख्या पहलो संविधान सभामे कम रहे वहेकमारे नियोजितरुप मे पहिलो संबिधानसभा विघटन कैला उहाँ हुकनके उद्धेश्य पुरा हुइलवटिन यद्यपी हम्रे संघियता व पहिचानके पक्षधर राजनैतिक दल हुक्रे सहजसे प्रतितिगमनकारी हुकनके स्वार्थपुरा नैहुइदेब।
आब अप्नह थरुहट मुद्दासे फे मधेशी मुद्दाम बहुट जोडदेति आइट कना आरोप बा यी सहि हो?
तथ्य महत्वपुर्ण हो राजनितिमे विरेाधी हुक्रे आरोप लगैती रथा। आज तक संविधान सभा व व्यवस्थापिका संसद भित्तरहालसम खेल्लकभूमिका साक्षीवा। मधेशी हुक्रे थारुनहे कमैया, कम्लहरी व दास नै वनैला। थारुनके कमजोर आर्थिक राजनैकि, शैक्षिक अवस्था के वनाइल? मधेशी की आउर कोइ?यादव, तेली,सुडी लगायत हे मधेशी के पहिचान के देहल? अईने फे मधेशी नाइरहीत वइनहे फेन हेपके मधेशी के विल्ला भिडैलक के हो? सक्कुनहे पतावा आज मधेश विद्रोह नै हुइलरहत कलेसे संधियता व समावेशी के मुद्धा कहाँ पुगल रहत अनुमान करे सेक्वी? स्मरण रहोस् मधेश विद्रोह के वादही नेपालके अन्तरीम संविधान संसोधन कैके ” नेपाललाई संघिय गणराज्य मा पुन संरचना गरिने छ” कना शाव्द प्रयोग कैगल साथै नेपालके सक्कु संरचनामे समावेशीता आवश्यक वा यकरलग आरक्षणके व्यवस्था मधेश विद्रोहकेवाद संझौतामे स्वीकार कैके समाबेशी बिधेयक नानके लागु कै गैल का यी सव मे हम्रे थारु लाभ नैउठैले हुई?हो फाइदा खाली नाही हमार जातीय पहिचानमे धक्का फेन लागल यकर विरुद्धमे मै कालफेन रहुँ व जाबतक नै सच्चाजाइ तबतकफेन रहम वाहेक मारे थारुहट आन्दोलन व मधेश आन्दोलन हे टकरावके रुपमे नै लेकेकी परिर्वतनके सहयात्रीके रुपमे लेके दुनु आन्दोलन हे सम्मान पुग्ना मेरके चितवन से कन्चनपुरतक थरुहट प्रदेश व उहाँ से पुर्व झापातक मधेश प्रदेशमे जाईकना प्रस्थाव ही व्यवहारीक व वस्नुवादी हो कना ठहरकर्ती विजय कुमार गच्छदार के नेतृत्वामे रहल फोरम लोकतान्त्रक पार्टी यि मुद्धा हे स्वीकार कर्ती अपन धोषणा पत्र मे समेत प्रष्ट रुपमे उल्लेख कैना सहमती के साथ हम्रे उहाँके नेतृन्व स्वीकार कर्लेवटी ते हम्रे कसीके थारुनके विरोधी हुईली? की कोइराला, खनाल, वली,दहालके नेतृत्व स्वीकार कर्ती ते थारुनउपर वफादारी निभाईल हुइत? की थारु खाली एक्ली लड्तलड्त वराजैती ते असली थारु हुईती? युद्धके नियम शाक्तिशाली वटोते सक्कहुन संगे लडो, क्षमता नै हो कलेसे सहायक दुश्मनसे एकता सहकार्य कर्ती मुख्य दुश्मनके उपर संयुक्त प्रहार करो कना हो।रहल पार्टी के नाउ उ फेन परिबर्तन करेजाइति।
सरकारी जागिर छोड्क काजे राजीतिमम लग्ली?
उ जागीर मै जीवनभर खैम कहीके नै सुरु कैले रहु खासकैके काठमाण्डौ पढेवेर खर्चमे सहयोग पुगे कना उद्धेश्यके लाग खाली शुरु कैले रहुँ , उद्धेश्य शुरु सेही समाज मे नेतृत्वदायी भुमिका र्निवाह कर्ना लक्ष्य हो।
कैह्यासे सुरु हुइल अप्नक खास राजनीति?
खासमे कमैया मुक्तिके आन्दोलन हुईटी भुमिहिन सुकुमवासी,कम्लहरी आन्दोलनमे अग्रणी व नेतृत्वदायी भुमिका निर्वाह कैटी २०६४ साल से थरुहट आन्दोलन से।
कौन नेताके विचारले अप्नह बहुट राजनीतिम लग्ना मन लागल?
कौनो नेता सेफेन थारु समाज मे वर्षो से राज्य पक्ष से एकोहोरो रुपसे कैलक विभेद,शोषण के कारण समाधान खोजेबरराजनिति ही समाधान लागके उत्प्रेरित हुइलक हुँ।
ज्याहोस राजनीतिम लागलपाछ कुछ हातलागल बा ना, ढिलहुइलसेफे सभासद बन्ना मौका ट मिलल?
हो, कमसेकम मै अपन समाजके प्रतिनिधित्व करेपैना ऐतिहासिक मौकाभेटैले बाटु हमार समाज के फेन राज्यके हरेक निकायमे समान प्रतिधित्व हुईपरथ कना हमार मुख्य मुद्दाफेनहो।मही बिश्वास बा संबिधानसभा मे मै थारुसमाज के अधिकार व पहिचान के लाग रचनात्मक भूमिका निर्रबाहकरम व थ्ाारुनके बिरुद्ध मे कोई प्रस्तुत हुई कलेसे सदनमे कडारुपमे प्रस्तुत हुईम,खबरदारीकरम्।उहेकमारे यि अबसर से खुशी बाटु।
मन्त्री खा कैख सरकारम बलैही ट जैबि कि नाहि?
संविधान जारी नै हुइत सम उ लाइन मे ध्यान नै बनैना उत्तम रही।
अन्तम, कुछ कहपर्ना बा की?
२०६९ जेष्ठ २ गते एमाओवादी, काँग्रेस व एमाले के विच हुइलक सहमती,एमाओवादी व मधेशी मोर्चा के विच सम्पन्न हुइलक मिति २०६९ भदौ ११ गतेक सहमती जरुर खोजके पढवी तव हमार विरोधी के हो कैही के निश्चित कैवी मही आपन विचार देना मौका देलि वहतु वहुत धन्वाद।