काठमाण्डौ- थारू भाषा तथा साहित्यिक श्रृंखला, कीर्तिपुरके एक बरस पूरा हुइलबा। २०६९ माघ महिनासे सुरु हुइलक श्रृंखलाको वार्षिक उत्सव इह माघ २५ गते विश्वविद्यालय क्याम्पस कीर्तिपुर परिसरम एक साहित्यक माहौलम मनागिल।
सभासद योगेन्द्र चौधरीक् बर्का पहुन्याइम हुइलक उत्सवम सद्धक अस चिन्हपर्चीक पाछ रचना सुनाक मनागिल। उ औसरम साहित्यिक रचनागर्भके बारेम बात किल्कोर्ना काम कैगिल रह। सभासद योगेन्द्र चौधरी थारू आब्क संविधानसभाम पहिचान पक्षधर हुकहन्के संख्या टलिक कम रकल मार काम कर्ना कर्रा बा कल। ओह क्रमम थारू भाषा ओ साहित्यके विकासके लाग आपन नैतिक भौतिक ओ आर्थिक सहायोग रहना प्रतिवद्धता फे उहाँ जनैल। विशेष पहुना सोगतवीर चौधरी फे साहित्यक महफिलम रमाए पैलकम साहित्यिक कार्यक्रमक निरन्तरताके कामना कर्ल। पत्रकार एचवी खाम मगर साहित्यकारहुक्र पहिचान निकैगिल विधि निर्माता हुइट कटी कवि साहित्यकार हुकहन्के चिन्तन ओ सिर्जना कबु फे खिर्वास निजैना बात अंग्रेइल।
साहित्यक प्रस्तुतिके क्रमम साहित्यकार कृष्णराज सर्वहारी बैदेशिक रोजगारी समस्यासे सम्बन्धित टीन ठो कविता बुडु, नट्या व पटोहियक नाउँम सुनैल रलह। जेहीम विदेश जाक कमैना सोच से फे आपन बारीब्यँुरा, खेट्वा डिहुवा जोट कोर कैक परिवारके मैया संग ओ मुर्गी चिंग्नन्से मैया साँट्ना सन्देश डेल। साहित्यकार सुशील चौधरी बरस भरिक साहित्यिक श्रृंखलाके उप्पर नजर डौरैटी “भोङ्गला बिहान” शीर्षकके कविता सुनैल। कविताम समयके महत्वहन महा मैगरसे छिनिक्क डेखैल रलह। एकठो भन्सरिया, हरुइया, पहुना कविला, गरढुरिया, विद्यार्थी, लौव दुलहनीया, कवि हर मनैन्के लाग समय कत्रा महत्वपूर्ण बा कना ब्यङ्ग्यात्मक शैलीम प्रस्तुत कर्ल रलह।
अस्टहक वार्षिक बखेरीम सीताराम चौधरी, नीशा चौधरी, रामबहादुर चौधरी, योगेश चौधरी, खुशी चौधरी, भूमिका चौधरी, महेश कुचिला, एन्जल कुश्मी, बीरबल सेन्चुट्री लगायत श्रष्टाहुक्र आपन मजा मजा कविता, गजल, मुक्तक, सेर दोहा सुनैल रलह। उ साहित्यक बखेरीम अइना फागुनम हुइना साहित्यक श्रृंखला फागुन २४ गते थारू पिकनिकके रुपम मनैना, एक बरसके स्मारिक बैशाखम पोस्ताके रुपम निक्रइना फे सल्लाह हुइल। थारू युवा परिवारके महासचिव शत्रुघन चौधरीक घरगोस्याइम हुइल वार्षिक उत्सवके गोंरी मर्टी उहाँ थारू भाषा तथा साहित्यिक श्रृंखला, कीर्तिपुरम एक बरसम २ सय ५० से ढेउरनक रचना सिर्जल हुइल अनुमान कर्ल। यी श्रृंखलाहन संयोजन ओ व्यवस्थापन बर्दियाली थारू विकास मञ्च, सर्वहित समाज, थारू युवा परिवार, कैलाली–कञ्चनपुर मैगर थारू समाज कर्टी आइल बा।
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