चिन्तामणि थारू– कपिलवस्तुके दुबिया–८,रनगाईक कुछ उत्साही युवालोग मिलके खोलल आधारभूत ग्रामीण विकास सेवा आजकल दुबिया गाबिसके सक्कु मनैनके आशा ओ भरोसा के केन्द्र बनल बा। संस्थासे गाउँमे चलाइल आयआर्जनके कार्यक्रमसे गाउँक मनैनके आशा जगैले बा। व्यावसायिक कामके खरतिन सीपमूलक तालिम, आयआर्जनके तन पूँजीके व्यवस्था कैके विपन्न गाउँक मनैनके आम्दानीके डगर देखैले बा। २०५३ साल माघ १४ गते आधारभूत ग्रामीण विकास सेवक् स्थापना होइल रहे। संस्थासे प्रर्बद्धन कइल आधारभुत बचत तथा ऋण सहकारी संस्थामे ४९ समूह आबद्ध बा। शुरुके १२ समुहमे घुम्ती कोषके ब्यवस्था कैले बा। बर्तमान समयमे रनगाइके कोपिला महिला समुहमे १ लाखसे धेर रुप्ंयाके कोष खडा भइल बा। घुम्ती कोषके रकम समूहके सदस्यलोगन अप्ठ्यार परत दफे काम लगैठन। घुम्ती कोषके पैसा समूह भित्तरके सदस्यलोगन भर ऋण लगानी कैजाइठ।
स्वावलम्बी समुह गठन कइके बचत कइना बानीके विकास होइल बा। आय आर्जनके तन जिटिजेड, शान्ति गृह नेपाल, युएनडिपी जैसिन बिदेशी संस्था से घुम्ती कोषके सहयोग पइले बातन। घुम्ति कोषके रकमसे समुहके सदस्यलोग आपन इच्छा लागल ब्यवसाय कैले बातन। एक समुहमे करीब २५ हजारसे लैके ३५ हजार तक घुम्ति कोष परिचालन होइल बा।
दुबिया गाबिस भित्तर ढल निकास ओ शौचालय बनाएक जनचेतना जगाएक काममे धेर सहयोग कइले बा। आधारभुत ग्रामिण बिकास सेवाके यी प्रयासके नाते दुबिया गाबिस जल्दिए खुला दिशामुक्त गाबिस घोषित होगइल बा। आजतक यी संस्था मार्फत् करीब ४ सय ५० शौचालय बनाएक आर्थिक सहयाग कैले बा। डगरक किनारे–किनारे अशोकके रुखवा लगाके रनगाईक मुहार फेरले बा।
संस्थाके पहलमे आधारभुत बचत तथा ऋण सहकारी संस्थाके स्थापना कइके ग्रामिण विकास बैंकके रुपमा स्थापित होइल बा। यी सहकारी संस्थामे हाल ९५८ सदस्य बातन। यी सहकारी समुहगत रुपमे स्थापित होइल संस्था हो। समुहके सदस्यलोग मासिक रुपमे हर महिना रु. २० से लैके एक सय रुपैंया तक बचत करत आइतन। सहकारी आर्थिक बर्ष २०६९/७० मे एक करोड से ज्यादाके कारोबार कइले बा।
संस्था तमाने सहयोगी निकायके साथ सहकार्य कइके गाउँमे व्यवसायिक तरकारी खेती, बाख्रापालन, बंगुरपालन ओ च्याउखेती करेवाला किसानके सहयोग करत आइत बा। कुल ४९ समूहमार्फत् आयआर्जनके कार्यक्रम चलाइल बात सहकारीके अध्यक्ष नाथु थारू बतैलन।
आयआर्जनमे लागल मनै बार्षिक ५० हजार से २ लाख रुपिया तक आम्दानी करेक सफलता पइले बातन। बर्तमान समयमे अक्सफार्मके सहयोगमे दुविया, महेन्द्रकोट, बुड्ढी ओ राजपुर गाविसमे ग्रामीण विकास सेवा कार्यक्रम सञ्चालन कर्ले बा।
साभारः २१ माघ, गोरखापत्र
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